Hello, I have created this blog to maintain my habit of study and teaching. Which will benefit that teachers like me and students too will get information about their needs from here.
Sunday 23 October 2016
Saturday 22 October 2016
12 th cbse notes in hindi
Hello friends,,
आज में आप लोगो से 12th history cbse exam की तैयारी में important topic share कर रहा हूं अाज जिस प्रश्न को हम समझने जा रहे है वह most important है क्योंकि इस प्रश्न को मुल्याकन की दृष्टि से अति उत्तम माना जाता है l तो चलिए जरा देखे कि कौन सा प्रश्न है जो इतना महत्तवपूर्ण है ?
प्र०:- ब्राह्मणों ने ऐसी कोन सी नीतियाँ अपनाई जिससे सभी वर्गो के लिए आदर्श जीविका का पालन हो सके l
उ०:- ब्राह्मणों ने चारों वर्गों के लिए जो आदर्श जीविका के नियम बताए है इन नियमों का पालन करवाने के लिए तीन नीतियाँ अपनाई जो इस प्रकार है :-
* पहला ये कि ब्राह्मणों ने बताया कि वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति एक दैविय व्यवस्था है l
* दूसरा वे शासकों को यह उपदेश देते थे कि वे इस व्यवस्था के नियमों का अपने राज्यों में अनुसरण करें l
* तीसरा यह कि उन्होनें लोगों को यह विश्वास दिलाने का प्रयत्न किया कि उनकी प्रतिष्ठा जन्म पर आधारित है l
इन सभी यूक्तियों को बल देने के लिए महाभारत जैसे अनेक ग्रंथों में कहानियों के द्वारा बल प्रदान किया जाता था l
BEST OF LUCK FRIENDS....
सफलता ना मिलने की एक वजह यह भी है
Friday 21 October 2016
12th history important quistion answer in hindi for cbse
Hello friends,,
प्र :- विजयनगर की भौगोलिक स्तिथि में चौकाने वाले तथ्य कौन से हैं ? व्याख्या कीजिए l
उ :- विजयनगर की भौगोलिक स्तिथि के संबंध मे चौकाने वाले तथ्य निम्न प्रकार के हैं :-
* विजयनगर की जल संपदा
* विजयनगर की किलेबंदियाँ
* विजयनगर की किलेबंदियाँ
विजयनगर की जल संपदा
विजयनगर की भौगौलिक स्थिति में चौकाने वाला तथ्य है यहाँ पर निर्मित तुंगभद्रा नदी द्वारा एक प्राकृतिक कुण्ड l
तुंगभद्रा नदी उत्तर पूर्व दिशा में बहती है l
इसके पास स्थित ग्रेनाइट की पहाडीयां जो शहर के चारों ओर करधनी का निर्माण करती है तथा
इन पहाड़ियों से कई जल धाराएँ आकर नदी में मिलती हैं
यह सारा भूदृश्य बडा ही मनोरम तथा चौकाने वाला लगता है l
विजयनगर की किलेबंदियाँ
पंद्रहवीं शताब्दी में फारस से आया दूत अब्दुर रज़्ज़ाक विजयनगर की किलेबंदी से बहुत प्रभावित हुआ और उसने दुर्गों की सात पंक्तियों का उल्लेख किया जो इस प्रकार है : -
* दिवारों से न केवल शहर को बल्की कृषि में उपयोग करने वाले आस-पास के क्षेत्र तथा जंगलो को भी घेरा गया था l
* सबसे बाहरी दीवार शहर के चारों ओर बनी पहाडियों को आपस में जोडती थी l
* किलेबंदी की विशाल राजगिरी संरचना थोड़ी सी शुण्डाकार थी l
* इसको बनाने मे गारे या जोडने के लिए किसी भी वस्तु का प्रयोग नही किया गया था l
* इसमे लगे पत्थर के टुकड़े फनाकार थे, जिसके कारण वे अपने स्थान पर टिके रहते थे l
* दीवारों के अंदर का भाग मिट्टी और मलवे के मिश्रण से बना हुआ था l
* वर्गाकार और आयताकार बुर्ज़ बाहर की ओर निकले हुए थे l
अत: यह किलेबंदीयाँ चौकाने वाली थी क्योंकि विजयनगर के शासकों ने पूरे कृषि भूभाग को बचाने के लिए एक मंहगी तथा व्यापक नीति को अपनाया था l
सोच ये ना रखें की मुझे रास्ता अच्छा मिले ,बल्कि ये रखें कि मैं जहां पांव रखूं वो रास्ता अपने अाप अच्छा हो जाए.......
friends ...अगर आपको इसको पढ़ने के बाद ऐसा लगा हो कि ये post 12 th cbse की तैयारी के लिए helpfull है तो आप हमारी site http://6to12classnote.blogspot.com के बारे में उन सभी students को जरूर बताएं जिनको इसकी मदद की जरूरत हो l
BEST OF LUCK...
सोच ये ना रखें की मुझे रास्ता अच्छा मिले ,बल्कि ये रखें कि मैं जहां पांव रखूं वो रास्ता अपने अाप अच्छा हो जाए.......
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BEST OF LUCK...
Tuesday 18 October 2016
12th history importent quistion answer in hindi
Hello friends,,
प्रo :- मुगल दरबार में पांडूलिपि कैसे तैयार की जाती थी ? वर्णन कीजिए l
उ०:- मुगल दरबार में शाही किताबखाना एक लिपिघर था जो मुगल पाडूलिपि तैयार करने का मुख्य केंद्र था इसमें नयी पाडूलिपियों की रचना की जाती थी तथा पुरानी पांडूलिपियों का संग्रह भी होता था l तैयार पांडूलिपि को बहुत कीमती संपदा के रूप मे देखा जाता था क्योकि यह बहुत ही बौद्धिक तथा भव्यतापूर्ण होती थी जो कि मुगल बादशाह की प्रतिष्ठा का प्रतीक मानी जाती थीं l
पांडूलिपियों को तैयार करने में अलग अलग कार्य मे दक्षता रखने वाले लोग भाग लेते थे जो कि निम्न प्रकार से हैं :-
1) कागज peper बनाने वाले लोग l
2) पांडूलिपि के पन्ने तैयार करने वाले लोग l
3) नकल copy करने वाले सुलेखक लोग l
4) पन्नों को चमकाने के लिए कोफ्तगार लोग l
5) दृश्यों imeges को चित्रित करने वाले चित्रकार लोग l
6) पन्नों को एकत्रित करके उन्हें सज़ाकर आकार size में जिल्दसाज़ी करने वाले लोग l
Next topic coming soon....
BEST OF LUCK
Sunday 16 October 2016
what is the U.N.O ? in hindi
Hello friends,,
Today हम ये जानेगें कि संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है इसका इतिहास क्या है इसके स्थापना करने का उध्देश्य क्या है वा इसमे कौन-कौन सी एजेंसिया तथा अंग है तो चलिये इसको ध्यान से पढ़कर समझते है कि what is the U.N.O ?
संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है ?
संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व के उन राष्ट्रों का एक संगठन है , जिन्होने आज्ञापत्र पर हस्ताक्षर करके यह शपथ oath ली है कि वे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक योजनाओं planning के द्वारा विश्व शांति world peace की स्थापना करेंगे l
क्या है संयुक्त राष्ट्र का इतिहास ?
19 अगस्त 1941 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल ने एटलांटिक महासागर के बीच में जहाज पर बैठे हुए एक घोषणा की जो एटलांटिक घोषणा के नाम से प्रसिद्ध है l इसमे यह घोषित किया गया कि समस्त राष्ट्र बल प्रयोग का आश्रय cover छोड़ कर पारस्परिक interpersonal वाद-विवादों का अंत करने मे शांति सहित उपायों का पालन करेंगे l
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई ?
24 अक्टूबर 1945 को इसके आज्ञापत्र पर 51 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने अपने हस्ताक्षर करके संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की l
संयुक्त राष्ट्र संघ के क्या उध्देश्य हैं ?
संयुक्त राष्ट्र संघ के उध्देश्यों को इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है :-
* मानव जाती की भावी पीढी को युध्द की भयंकर स्थिति से मुक्ति दिलाना l
* सभी राज्यों से दोस्ताना संबन्ध स्थापित करना तथा सभी छोटे- बडे़ राज्यों को समान अधिकार देकर आत्म- निर्णय self determination के सिध्दांतों का पालन करना l
* सभी प्रकार की आर्थिक, सांस्कृतिक वा मानवता के स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान सभी राज्यों के सहयोग से किया जाना l
* मानवीय अधिकारों के प्रति सम्मान का विस्तार करना तथा बिना भेदभाव के सभी को मौलिक स्वतंत्रतायें देना l
* संयुक्त राष्ट्र संघ को एक ऐसा केंद्र बनाना जिससे सामान्य उद्धेश्यों की प्राप्ति हेतू सभी राज्यों मे सफलतापूर्वक सामंज्सय स्थापित किया जा सके l
संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता कैसी है ?
संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य दो प्रकार के हैं:-
1. वे सदस्य जिन्होने शुरूआत में संयुक्त राष्ट्र संघ के आज्ञापत्र पर हस्ताक्षर किये है तथा
2. वे सदस्य जो बाद में इसके सदस्य बने हैं l
इसका सदस्य वह राष्ट्र हो सकता है जो संयुक्त राष्ट्र संघ के आज्ञापत्र को स्वीकार करता है और जो संघ की राय में अपने कर्तव्य को निभाने की क्षमता रखता हो l इसमें पांच स्थायी सदस्य देश हैं तथा एक आम सभा (वृहत सभा ) है l
जब कोई नया राज्य सदस्यता लेना चाहता है तो उसे पांच स्थायी सदस़्यों सहित सुरक्षा परिषद् की बहुमत की सिफारिश पर तथा आम सभा के दो तिहाई बहुमत द्वारा बनाये जा सकते हैं l इस प्रकार पाँच स्थायी सदस्यों में से कोई सदस्य इनकार कर देता है तो नया सदस्य नहीं बनाया जा सकता l पांचो सदस्यों का सकारात्मक मत होना जरूरी है इसके बाद वृहत सभा ( आम सभा ) के दो-तिहाई बहुमत प्राप्त होना सदस्यता के लिए आवश्यक होता है l
संयुक्त राष्ट्र के कौन कौन से अंग हैं ?
1) सुरक्षा परिषद् l
2) आम सभा l
3) सचिवालय l
4) आर्थिक व सामाजिक परिषद् l
5) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय l
6) न्यासिता परिषद् l
संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंसियाँ कौन- सी हैं ?
1) विश्व स्वास्थ संगठन ( WHO )
2) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, सामाजिक एंव सांस्कृतिक संगठन ( UNESCO )
3) लंयुक्त बाल कोष ( UNICEF )
4) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ( UNDEP )
5) संयुक्त रा्ष्ट्र मानवाधिकार आयोग ( UNHRC )
6) संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR )
7) संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD)
So friends कैसा लगा ये topic comment करना मत भूलना...
BEST OF LUCK
Next topic coming SOON...
Saturday 15 October 2016
भक्ति आंदोलन क्या है ?
Hello friends,,
आज हम भारतिय इतिहास के topic भक्ति आंदोलन को समझेंगे हम आज ये जानेगे कि आखिर क्या है भक्ति आंदोलन इसकी विशेषताएँ characterstics क्या है ? कौन कौन से संतो ने इसे चलाया आदि l
एक बात में पहले ही बता दूं इसमे मेने कुछ content ही share करे है जितना मैं जनता हूं ..इसलिए please कोइ विशेष टीका टिप्पणी न करे....
भक्ति आंदोलन क्या है ?
भक्ति आंदोलन हिंदुओं का सुधारवादी आंदोलन movement था l इसमे एकेश्वर , भाई चारा, सभी धर्मो की समानता ,जातीवाद, तथा कर्मकाण्डों की आलोचना की गई है l
भक्ति आंदोलन कब आरम्भ हुआ ?
बुनियादी तौर पर इसकी शुरूआत दक्षिण भारत में सातवी से बारहवीं शताब्दी के मध्य माना जाता है l जिसका उद्देश्य नयनार तथा अलवार संतो के बीच मतभेद को समाप्त करना था l इस आंदोलन के प्रथम प्रचारक शंकराचार्य माने जाते हैं l
http://6to12classnote.blogspot.com
नयनारों और अलवारों ने क्या किया ?
शैव नयनारों तथा वैष्णव अलवारों ने जैनियों और बौध्दों के http://6to12classnot.blogspot.com अपरिग्रह को त्याग कर ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत भक्ति को मार्ग बता कर नये भक्ति मार्ग का संदेश समस्त दक्षिण भारत को दिया l
भक्ति आंदोलन की विशेषताएँ क्या थी ?
1 - भक्ति की अवधारणा assumption का अर्थ एकेश्वर के प्रति सच्चा प्रेम और निष्ठा है l
3 - भक्ति आंदोलन में समानता पर बल दिया गया जिसमे जाति या धर्म पर आधारित भेदभाव की मनाही थी l
5 - भक्ति आंदोलन के सिध्दान्त सूफी संतो की शिक्षाओ से मेल खाते थे l
भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतो के नाम :-
* रामानुज
* माधवाचार्य
* रामानन्द
* कबीर
* रविदास
* दादू
* गुरूनानक
* चैतन्य
* वल्लभाचार्य
* मीराबाई
* सूरदास
* तुलसीदास आदि l
Next topic coming soon
http://6to12classnote.blogspot.com
Friday 14 October 2016
पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
Hello friends,,
आज हम उस असीम भंडार की बात करेगे जिसे हमने nature से प्राप्त किया है l जिन पर मे और आप गर्व करते है यह वही भंडार है जिन्हे हम संसाधन के रूप में पुकारते है l
जी हाँ कल-कल करती नदियाँ , उँचे पर्वत बडे-बडे समुद्र और ऐसे अनेको संसाधन जिनको हम पर्यावरण कहते है
एक समय वो था जब प्रकृति के साथ मनुष्य का समन्वय ज्यादा घनिष्ठतापूर्ण थे परंतू अब मनुष्य प्रकृति के आमने सामने हो गया है आैर अपनी सुख संमृद्धि के लिए प्रकृति का निरंतर शोषण करता जा रहा है l
क्या है पर्यावरण संकट ?
जो प्रकृति हमेशा दिल खोलकर अपनी संपदा मनुष्य और जीवों पर लुटाती रही है , उससे सबकुछ हासिल करने के चक्कर मे मनुष्य ने अपने आपको नए संकट मे डाल लिया है यह है प्रदूषण, प्राकृतिक आपदा, समुद्री सतह, वैश्विक तापवृद्धी यानी पर्यावरण मे आ रही निरंतर गिरावट l
पर्यावरण संरक्षण मे क्यों विकसित देशौं की जिम्मेदारी ज्यादा होनी चाहीए ?
पर्यावरण को लेकर उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द की पर्याप्त संरक्षण की सांझी जिम्मेदारी होनी चाहीए , परंतू विकासशील देशों का तर्क है कि विकसित देशों ने पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुँचाया है इसलिए संरक्षण की जिम्मेदारी भी उनकी ज्यादा होनी चाहीए थी l विकासशील देशों पर लागू की जाएं l 1997 मे लागू 'क्योटो प्रोटोकॉल' की बाध्यताओ से भी भारत-चीन व अन्य विकासशील देशों को अलग रखा गया l
Next topic coming soon.
पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
अध्याय ( 8 )
12 th pol science
Hello friends,,
आज हम उस असीम भंडार की बात करेगे जिसे हमने nature से प्राप्त किया है l जिन पर मे और आप गर्व करते है यह वही भंडार है जिन्हे हम संसाधन के रूप में पुकारते है l
जी हाँ कल-कल करती नदियाँ , उँचे पर्वत बडे-बडे समुद्र और ऐसे अनेको संसाधन जिनको हम पर्यावरण कहते है
एक समय वो था जब प्रकृति के साथ मनुष्य का समन्वय ज्यादा घनिष्ठतापूर्ण थे परंतू अब मनुष्य प्रकृति के आमने सामने हो गया है आैर अपनी सुख संमृद्धि के लिए प्रकृति का निरंतर शोषण करता जा रहा है l
क्या है पर्यावरण संकट ?
जो प्रकृति हमेशा दिल खोलकर अपनी संपदा मनुष्य और जीवों पर लुटाती रही है , उससे सबकुछ हासिल करने के चक्कर मे मनुष्य ने अपने आपको नए संकट मे डाल लिया है यह है प्रदूषण, प्राकृतिक आपदा, समुद्री सतह, वैश्विक तापवृद्धी यानी पर्यावरण मे आ रही निरंतर गिरावट l
पर्यावरण संरक्षण मे क्यों विकसित देशौं की जिम्मेदारी ज्यादा होनी चाहीए ?
पर्यावरण को लेकर उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द की पर्याप्त संरक्षण की सांझी जिम्मेदारी होनी चाहीए , परंतू विकासशील देशों का तर्क है कि विकसित देशों ने पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुँचाया है इसलिए संरक्षण की जिम्मेदारी भी उनकी ज्यादा होनी चाहीए थी l विकासशील देशों पर लागू की जाएं l 1997 मे लागू 'क्योटो प्रोटोकॉल' की बाध्यताओ से भी भारत-चीन व अन्य विकासशील देशों को अलग रखा गया l
Next topic coming soon....
Wednesday 12 October 2016
12 th pol.science importent question answer in hindi
Hello friends,,
प्र०:- वैश्वीकरण में प्रौधौगिकी के योगदान की चर्चा कीजिए l
उ०:- वैश्वीकरण के विकास में अविष्कार का बहुत महत्व है l पूंजी , वस्तु और व्यक्तियों की आवाजाही में तेजी उन्नत होती प्रोधोगिकी के कारण देशों के बीच नजदीकियाँ बढी़ है l विश्व के किसी एक हिस्से में घटने वाली घटना का असर विश्व के दूसरेे हिस्से पर भी पड़ता है l इतना सब कुछ प्रौधोगिकी के योगदान के बिना असंभव है l
प्र०:- विश्व की सांझी संपदा का क्या अर्थ है ?
उ०:- वह संसाधन जिस पर किसी एक का हक न होकर पूरे समुदाय का हक हो, सांझी संपदा कहलाते हैं l
विश्व की सांझी संपदा में पृथ्वी का वायुमंडल ,अंटांटिका ,समुद्री सतह , बाह्य अंतरिक्ष अादी शामिल है l
वैश्विक संपदा की सुरक्षा व अंतराष्ट्रीय सहयोग कायम करने के लिए कई समझौते हुए जैसे :-
अंटार्कटिका संधि : 1959
मांट्रियल न्यायाचार : 1987
अंटार्कटिका
पर्यावरणीय संधि : 1991
क्योटो प्रोटोकॉल : 1997 ....आदि l
तो दोस्तों यही है आज के importent quiestion for your cbse 12 class exam यदि आप इस content को सही से अपने mind मे बिठा ले तो sure है कि आपकी 8 marks की तैयारी हो गई l
BEST OF LUCK...
Monday 10 October 2016
12 th pol.science notes in hindi
प्र०:- भारत की सुरक्छा रणनीतियों का वर्णन कीजिए l
उ० :- भारत की सुरक्छा नीति के चार बडे़ घटक हैं और अलग-अलग वक्त मे इन्ही घटको के हेर फेर से सुरक्छा की रणनीति बनायी गई है l
सुरक्छा नीति के चार घटक निम्नलिखित हैं :-
1) .सुरक्छा नीति का पहला घटक सैन्य छमता को मजबूत करना रहा है क्योकि भारत पर पडो़सी देशों से हमले होते रहे हैं l
दक्छिड एशियाई इलाके मे भारत के चारो तरफ परमाणु हथियारों से लैस देश हैं l ऐसे मे भारत के परमाणु परीक्छण करने के फैसले को उचित ठहराते हुए भारतीय सरकार ने सुरक्छा का तर्क दिया था l
2).भारत की सुरक्छा नीति का दूसरा घटक है अपने सुरक्छा हितों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कायदों और संस्थाओ को मजबूत करना जिसके लिए भारत ने निम्नलिखित कदम उठाए :--
* प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के द्वारा एशियाई एकता, अनौपनिवेशीकरण(Decolonisation)और निरस्त्रीकरण के प्रयासों की हिमायत की गई l
* भारत ने नव-अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की मांग उठायी और सबसे बडी बात यह है कि दो महाशक्तियों की खेमेबाजी से अलग उसने गुटनिरपेक्छता के रूप मे विश्व-शांति का तीसरा विकल्प सामने रखा l
* भारत उन 160 देशों मे शामिल है जिन्होने 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्छर किए हैं l
* सहयोगमूलक सुरक्छा की पहलकदमियों के समर्थन मे भारत ने अपनी सेना संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांतिबहाली के मिशनो मे भेजी है l
3).भारत की सुरक्छा रणनीति का तीसरा घटक है देश की अंदरूनी सुरक्छा- समस्याओ से निबटने की तैयारी करना l
नागालैंड, मिजोरम, पंजाब और कश्मीर जैसे छेत्रों से कई उग्रवादी समूहों ने समय-समय पर इन प्रांतों को भारत से अलगाने की कोशिश की है l
4).भारत की सुरक्छा नीति मे चौथा और आखिर मे एक बात यह है कि भारत में अर्थव्यवस्था को इस तरह विकसित करने के प्रयास किए गए है कि बहुसंख्यक नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता ज्यादा न हो l
So friends..
यदि आप इस प्रश्न को अच्छे से समझ ले तो आपका 12 cbse exam मे बेहतर result हो सकता है l इसी उधेश्य से मेने ये नोट आपके साथ सांझां किया है उम्मीद है कि आप इसका पूरा फायदा उठाएेगे...
BEST OF LUCK...
Kesa laga comment karna mat bhoolna ...
Sunday 9 October 2016
12 th pol.science class note in hindi
Hello friends,,
Important question for you...
प्र०:- केंद्र मे गठबंधन सरकार का दौर कब शुरू हुआ ?
उ०:-1989 के बाद लोकसभा के चुनावों मे कभी भी किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला इस बदलाव के साथ केंद्र मे गठबंधन सरकारों का दौर शुरू हुआ और छेत्रीय पार्टियों ने गठबंधन सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई l
प्र०:- राजग क्या है ?
उ०:- राजग एक गठबंधन सरकार का संक्छित रूप है :-(राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन)
प्र०:- संप्रग क्या है ?
उ०:- संप्रग एक गठबंधन सरकार का संछिप्त रूप है :-(संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन)
So friends aaj k liye itna hi hai i hope k aap sab isko achhe se samajh kr exam me iska poora fayada uthaaoge .....
BEST OF LUCK...
Friends aapko ye jaankari kesi lagi comment jarur karna....
12 th pol.science notes in hindi
Hello friends,,
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आज हम 12 th class की किताब समकालीन भारत की राजनीति के अध्याय 8 के एक एेसे प्रशन को हल करेंगे जो cbse के exam में पूछा गया है और आगे भी पूछा जा सकता है तो चलिये देखते हैं क्या है प्रशन ??....
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NOTE :- कुछ अक्छर keypad की कमी से गलत हैं ...
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आज हम 12 th class की किताब समकालीन भारत की राजनीति के अध्याय 8 के एक एेसे प्रशन को हल करेंगे जो cbse के exam में पूछा गया है और आगे भी पूछा जा सकता है तो चलिये देखते हैं क्या है प्रशन ??....
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NOTE :- कुछ अक्छर keypad की कमी से गलत हैं ...
Qes.. राजनीति में छेत्रीय अाकांछाओं से हमे क्या सबक मिलता है ?
Ans..राजनीति में हमे छेत्रीय आकांछाओ से जो सबक मिलते हैं उनको निम्नलिखित बिंदुओ से समझा जा सकता है :--
1.) बुनियादी सबक ताे यही है कि छेत्रीय आकांछाऐं लोकतांत्रिक राजनीति का अभिन्न अंग है .
2.) दूसरा सबक यह कि छेत्रीय आकांछाओ को दबाने की जगह उनके साथ लोकतांत्रिक बातचीत का तरीका अपनाना सबसे अच्छा होता है.
3.) तीसरा सबक यह है कि सत्ता की साझेदारी के महत्व को समझना.
4.) चौथा सबक यह है कि आर्थिक विकास के एतबार से विभिन्न इलाको के बीच असमानता हुई तो पिछडे़ छेत्रो को लगेगा कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है और फिर वह अपने पिछडे़पन के कारण आंदोलन करेंगे
So friends अगर आप इस प्रसन को अच्छे से समझ ले तो आपके 6 marks sure हो जाएेंगे.l
BEST OF LUCK..
So friends अगर आप इस प्रसन को अच्छे से समझ ले तो आपके 6 marks sure हो जाएेंगे.l
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