Hello friends,,
आज हम भारतिय इतिहास के topic भक्ति आंदोलन को समझेंगे हम आज ये जानेगे कि आखिर क्या है भक्ति आंदोलन इसकी विशेषताएँ characterstics क्या है ? कौन कौन से संतो ने इसे चलाया आदि l
एक बात में पहले ही बता दूं इसमे मेने कुछ content ही share करे है जितना मैं जनता हूं ..इसलिए please कोइ विशेष टीका टिप्पणी न करे....
भक्ति आंदोलन क्या है ?
भक्ति आंदोलन हिंदुओं का सुधारवादी आंदोलन movement था l इसमे एकेश्वर , भाई चारा, सभी धर्मो की समानता ,जातीवाद, तथा कर्मकाण्डों की आलोचना की गई है l
भक्ति आंदोलन कब आरम्भ हुआ ?
बुनियादी तौर पर इसकी शुरूआत दक्षिण भारत में सातवी से बारहवीं शताब्दी के मध्य माना जाता है l जिसका उद्देश्य नयनार तथा अलवार संतो के बीच मतभेद को समाप्त करना था l इस आंदोलन के प्रथम प्रचारक शंकराचार्य माने जाते हैं l
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नयनारों और अलवारों ने क्या किया ?
शैव नयनारों तथा वैष्णव अलवारों ने जैनियों और बौध्दों के http://6to12classnot.blogspot.com अपरिग्रह को त्याग कर ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत भक्ति को मार्ग बता कर नये भक्ति मार्ग का संदेश समस्त दक्षिण भारत को दिया l
भक्ति आंदोलन की विशेषताएँ क्या थी ?
1 - भक्ति की अवधारणा assumption का अर्थ एकेश्वर के प्रति सच्चा प्रेम और निष्ठा है l
3 - भक्ति आंदोलन में समानता पर बल दिया गया जिसमे जाति या धर्म पर आधारित भेदभाव की मनाही थी l
5 - भक्ति आंदोलन के सिध्दान्त सूफी संतो की शिक्षाओ से मेल खाते थे l
भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतो के नाम :-
* रामानुज
* माधवाचार्य
* रामानन्द
* कबीर
* रविदास
* दादू
* गुरूनानक
* चैतन्य
* वल्लभाचार्य
* मीराबाई
* सूरदास
* तुलसीदास आदि l
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