Hello friends,,
प्रo :- मुगल दरबार में पांडूलिपि कैसे तैयार की जाती थी ? वर्णन कीजिए l
उ०:- मुगल दरबार में शाही किताबखाना एक लिपिघर था जो मुगल पाडूलिपि तैयार करने का मुख्य केंद्र था इसमें नयी पाडूलिपियों की रचना की जाती थी तथा पुरानी पांडूलिपियों का संग्रह भी होता था l तैयार पांडूलिपि को बहुत कीमती संपदा के रूप मे देखा जाता था क्योकि यह बहुत ही बौद्धिक तथा भव्यतापूर्ण होती थी जो कि मुगल बादशाह की प्रतिष्ठा का प्रतीक मानी जाती थीं l
पांडूलिपियों को तैयार करने में अलग अलग कार्य मे दक्षता रखने वाले लोग भाग लेते थे जो कि निम्न प्रकार से हैं :-
1) कागज peper बनाने वाले लोग l
2) पांडूलिपि के पन्ने तैयार करने वाले लोग l
3) नकल copy करने वाले सुलेखक लोग l
4) पन्नों को चमकाने के लिए कोफ्तगार लोग l
5) दृश्यों imeges को चित्रित करने वाले चित्रकार लोग l
6) पन्नों को एकत्रित करके उन्हें सज़ाकर आकार size में जिल्दसाज़ी करने वाले लोग l
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BEST OF LUCK