Tuesday 16 May 2017

भारत में राज्यों का पुनर्गठन कैसे हुआ ? 12 th pol.science notes in hindi

Hello friends,,


प्रश्न : - स्वतंत्रता के पश्चात् भारत में राज्यों का पुनर्गठन कैसे हुआ ? व्याख्या कीजिए l


उ ० : - भारत को जब स्वतंत्रता मिली तो विभाजन और देशी रियासतों के विलय के मुद्दों को हल करने के बाद भारत को और कई चुनोतियों का सामना करना पड़ा जिसमें एक चुनौती भारतिय प्रांतों की सीमाओं को तय करने की भी थी l यह चुनौती इसलिए बन गई क्योंकि भारत की सिमाओं को तय करते वक्त अपनी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना तथा भाषायी और सांस्कृतिक बहुलता की झलक बरकरार रखना उचित समझा गया l


1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह मान लिया था कि राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर होगा लेकिन आजादी के बाद नेताओं ने सोचा कि अगर भाषा के आधार पर राज्य बनाए गए तो देश में अव्यवस्था फैल सकती है इसलिए इस मुद्दे को स्थगित करने का फैसला लिया गया l लेकिन स्थानिय नेताओं और लोगों ने इस फैसले को चुनौती दी l मद्रास प्रांत के तेलुगु-भाषी क्षेत्रों मे विरोध भड़क अठा l काग्रेस के नेता और गांधीवादी पोट्टी श्रीरामुलु भूख हड़ताल पर बैठ गए l 56 दिनों की भूख हड़ताल के बाद श्रीरामुलु की मृत्यु हो गई जिससे आन्दोलन ने और जोर पकड़ लिया l अंत में दिसम्बर 1952 में आंध्र प्रदेश नामक अलग राज्य बनाया गया l 


इस घटना से प्रेरित होकर देश के अन्य हिस्सों में भी राज्य निर्माण हेतु संघर्ष होने लगे l इन संघर्षों से परेशान होकर केन्द्र सरकार ने 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 1956 में राज्य अधिनियम पास हुआ जिसके आधार पर 14 राज्य और 6 केन्द्र शासित प्रदेश बनाए गए l 


गुजराती और मराठी भाषी क्षेत्र के आधार पर 1960 में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य बनाए गए l

1966 में पंजाबी भाषी इलाके को पंजाब राज्य बनाया गया और पंजाब से कुछ भाग अलग करके हरियाणा और हिमाचल प्रदेश नामक राज्य बनाए गए l 


1972 में पूर्वोतर में राज्यों के पुनर्गठन का कार्य हुआ l 1972 में असम से कुछ भाग अलग करके मेघालय बनाया गया l इसी साल मणिपुर और त्रिपुरा नामक राज्य भी बनाए गए l नागालैंड को तो 1963 में ही अलग राज्य का दर्जा दिया गया था लेकिन अरूणाचल प्रदेश और मिजोरम का निर्माण 1987 में हुआ l


ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाषा के आधार पर ही राज्यों का पुनर्गठन किया गया हो l बाद के वर्षों में अलग क्षेत्रीय संस्कृति और क्षेत्रीय असंतुलन के आधार पर भी राज्य बनाने की मांग की गई सन् 2000 में ऐसे तीन राज्य झारखण्ड, छत्तीसगढ और उत्तराखण्ड बने l इस प्रकार 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना राज्य का निर्माण किया गया l अभी भी महाराष्ट्र में विदर्भ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हरित प्रदेश और पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में अलग बनाने के ऐसे आंदोलन चल रहे हैं l  


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